Assam Tourism 2024 : A Wonderful Confluence of Nature, Wildlife, and History

असम, भारत के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्थित एक रमणीय राज्य है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वन्य जीवन की विविधता और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। चाहे आप जंगल सफारी करना चाहते हों, प्राचीन मंदिरों में दर्शन करना चाहते हों, या चाय के बागानों की खुशबू में खो जाना चाहते हों, Assam tourism में आपके लिए सब कुछ है।

Assam tourism
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Assam Tourism: Best Tourist Places

Assam Tourism:काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park):

यह विश्व धरोहर स्थल एक सींग वाले गैंडों के लिए जाना जाता है, साथ ही यहां हाथी, बाघ, जंगली सुअर और हिरण भी देखने को मिलते हैं। आप जीप सफारी के माध्यम से इस जंगल की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम राज्य में स्थित, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीवों की विविधता और एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है। यह 400 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और 1985 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

काजीरंगा की खासियतें:

  • एक सींग वाले गैंडे: काजीरंगा दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी का घर है। अनुमानित 2,600 गैंडे इस राष्ट्रीय उद्यान में स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं।
  • वन्यजीवों की विविधता: गैंडों के अलावा, काजीरंगा में हाथी, बाघ, जंगली सुअर, हिरण, बंदर, पक्षी और सरीसृपों की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • जीप सफारी: काजीरंगा में जीप सफारी सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है। यह आपको जंगल की गहराई में जाने और वन्यजीवों को करीब से देखने का अवसर प्रदान करता है।
  • हाथी सफारी: हाथी की सवारी पर जंगल की सैर करना एक अविस्मरणीय अनुभव है। यह आपको ऊंचाई से जंगल का नज़ारा देखने और जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का मौका देता है।
  • नौका विहार: ब्रह्मपुत्र नदी में नौका विहार करते हुए आप मगरमच्छ, डॉल्फिन और विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देख सकते हैं।
  • पक्षी निरीक्षण: काजीरंगा पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहां 500 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें गिद्ध, बगुले, सारस, बत्तख और तोते शामिल हैं।

Assam Tourism:Majuli Island:

दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली, ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में स्थित है। मिट्टी के शिल्प और मास्क बनाने के लिए प्रसिद्ध इस द्वीप पर आप असमिया संस्कृति की झलक देख सकते हैं।

अविश्वसनीय लगता है ना? लेकिन यह सच है! माजुली दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है, जो ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में स्थित असम के रमणीय राज्य का एक हिस्सा है। यह द्वीप प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शांत वातावरण का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।

माजुली की खूबसूरती:

  1. प्राकृतिक छटा: माजुली द्वीप हरियाली से भरपूर है। चारों तरफ नदी का विशाल विस्तार और बीच में उपजाऊ भूमि का टुकड़ा मन को मोह लेता है। आप यहां सुंदर गांवों, मिट्टी के बने घरों और नदी के किनारों पर मस्ती करते हुए स्थानीय लोगों को देख सकते हैं।
  2. सांस्कृतिक धरोहर: माजुली को असम की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। यहां 22 से अधिक सत्र (नव वैष्णव संप्रदाय के मठ) स्थित हैं। ये सत्र न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि असमिया कला, संस्कृति और विरासत के संरक्षक भी हैं। सत्रों में होने वाले भजनों और नाटकों का अनुभव आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
  3. हस्तशिल्प का केंद्र: माजुली हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग बांस और मिट्टी से बनी कलाकृतियों को बनाने में कुशल हैं। आप घर की सजावट के लिए या स्मृति चिन्ह के रूप में इन खूबसूरत चीजों को खरीद सकते हैं।
  4. शांत वातावरण: माजु लि दूर शहरी कोलाहल से दूर, शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। यहां आप प्रकृति की गोद में तनावमुक्त हो सकते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्य देखने के साथ-साथ आप नदी में मछली पकड़ने या नौका विहार का आनंद भी ले सकते हैं।

Assam Tourism:मानस राष्ट्रीय उद्यान (Manas National Park):

यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी अदूषित प्राकृतिक सुंदरता, दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप हाथी की सवारी पर जंगल की सैर कर सकते हैं।

असम, भारत के पूर्वोत्तर में स्थित खूबसूरत राज्य, प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहां के राष्ट्रीय उद्यानों में से एक, मानस राष्ट्रीय उद्यान, अपनी अदूषित प्राकृतिक सुंदरता, विविध वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है। यह 2016 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

मानस राष्ट्रीय उद्यान की खासियतें:

  • वन्यजीवों का स्वर्ग: बाघ, हाथी, गैंडे, हिरण, बंदर, पक्षी और सरीसृपों की सैकड़ों प्रजातियां मानस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करती हैं। यहां आप दुर्लभ वन्यजीवों जैसे कि एशियाई हाथी का बच्चा, पिग्मी हॉग और सुनहरा लंगूर को भी देख सकते हैं।
  • जंगल सफारी का रोमांच: जंगल की गहराई में जीप सफारी कर वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का रोमांच ही कुछ अलग है। आप बाघ के शिकार के निशान या पेड़ों पर हाथियों के दांतों के निशान देख सकते हैं, जो जंगल के रहस्य की कहानी बयां करते हैं।
  • हाथी की सवारी का अनोखा अनुभव: हाथी की पीठ पर सवार होकर जंगल की सैर करना एक अविस्मरणीय अनुभव है। ऊंचाई से आप पेड़ों के बीच छिपे हुए जानवरों को भी देख सकते हैं।
  • नदी का सौंदर्य: मानस नदी राष्ट्रीय उद्यान के बीच से होकर बहती है। आप नदी के किनारे बैठकर सूर्यास्त का मनमोहक नजारा देख सकते हैं या नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
  • पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग: पक्षी देखने के शौकीनों के लिए मानस राष्ट्रीय उद्यान स्वर्ग से कम नहीं है। यहां 450 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें हॉर्नबिल, ईगल, किंगफिशर और रंग-बिरंगे तोते शामिल हैं|

Assam Tourism:कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple):

गुवाहाटी में स्थित यह प्रसिद्ध हिंदू मंदिर देवी सती को समर्पित है। मंदिर परिसर की भव्य वास्तुकला और धार्मिक महत्व आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।

कामाख्या मंदिर, असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित, भारत के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी सती को समर्पित है, जिन्हें आदिशक्ति या परम शक्ति के रूप में पूजा जाता है। अपनी अनूठी परंपराओं, भव्य वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए यह मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता रहा है।

कामाख्या मंदिर की विशेषताएं:

  • शक्ति उपासना का केंद्र: शक्तिपीठों में से एक होने के नाते, कामाख्या मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र है। यहां देवी सती के माता सती के महायोगपीठ (शरीर का हिस्सा गिरा हुआ स्थान) के रूप में पूजा की जाती है।
  • अनोखी परंपराएं: यहां मंदिर में पूजा-अर्चना की परंपराएं अन्य हिंदू मंदिरों से भिन्न हैं। उदाहरण के लिए, यहां गर्भगृह में घंटी नहीं बजाई जाती और आरती की बजाय “अलया” नामक विशेष पूजा की जाती है।
  • भव्य वास्तुकला: कमरूप शैली में निर्मित मंदिर परिसर में कई मंदिर और मंडप हैं। मुख्य मंदिर में एक शिखर है, जो आसपास के क्षेत्र से दूर से ही दिखाई देता है।
  • कामाख्या तीर्थ का महत्व: मंदिर के पास स्थित प्राकृतिक झरना “कामाख्या तीर्थ” के पवित्र जल में स्नान करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • अंबुबाची मेला: हर साल जून महीने में होने वाला अंबुबाची मेला (अंबुबाची यात्रा) यहां का प्रमुख उत्सव है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु मंदिर आते हैं और देवी की पूजा-अर्चना करते हैं।

Assam Tourism:हजो (Hajo):

ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित यह प्राचीन स्थल हिंदू और बौद्ध धर्मों का संगम स्थल है। यहां आप हाजो Powa Mecca, मंदिरों और गणेश की विशाल मूर्ति देख सकते हैं।

असम, भारत के पूर्वोत्तर में स्थित रमणीय राज्य, अपने प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। असम में घूमने के लिए कई स्थान हैं, जिनमें से एक है हाजो। ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित हाजो, एक ऐसा स्थान है जहां हिंदू और बौद्ध धर्म का संगम देखने को मिलता है।

हाजो की खासियतें:

  • प्राचीन मंदिरों का समूह: हाजो को “मंदिरों का शहर” भी कहा जाता है। यहां कई प्राचीन मंदिर हैं, जो सदियों से श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचते रहे हैं। कुछ प्रमुख मंदिरों में हाज़ो Powa Mecca, कनकांची कामख्या देवी मंदिर, हाज़ो गणेश मंदिर और वीरभद्र मंदिर शामिल हैं।
  • हाजो Powa Mecca: यह मंदिर असमिया मुस्लिम संप्रदाय की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर की वास्तुकला हिंदू और इस्लामिक शैली का मिश्रण है।
  • हाजो गणेश मंदिर: एक विशाल गणेश प्रतिमा वाला यह भव्य मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। माना जाता है कि यह प्रतिमा एक ही चट्टान से निर्मित है।
  • बौद्ध मठ के अवशेष: हाजो में बौद्ध धर्म के भी अवशेष पाए जाते हैं। यहां आप बुढानगर नामक स्थान पर बौद्ध मठ के खंडहर देख सकते हैं।
  • मनाई जाती हैं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम: हाजो में साल भर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां आप मा बिहू, अंबुबाची मेला और हाजो महोत्सव जैसे कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं। 

Assam Tourism:अहोम राजवंश के अवशेष (Ahom Dynasty – Remains):

असम पर सदियों से शासन करने वाले अहोम राजवंश के अवशरण आज भी देखे जा सकते हैं। आप सिवसागर में रेंग-घर और जोरहाट में मा जुबारी को देख सकते हैं।

असम के इतिहास में अहोम राजवंश का एक स्वर्णिम अध्याय रहा है। 13वीं से 19वीं सदी तक शासन करने वाले अहोम राजाओं ने कला, संस्कृति, वास्तुकला और युद्ध कला के क्षेत्र में असम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। हालांकि यह राजवंश अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है, लेकिन असम की धरती पर आज भी उनके शासनकाल के भव्य अवशेष बिखरे हुए हैं, जो हमें उनके गौरवशाली इतिहास की याद दिलाते हैं।

अहोम राजवंश के अवशेषों की झलक:

  • रेंग-घर (Sibsagar): रेंग-घर असम के शिवसागर जिले में स्थित एक विशाल संरचना है। इसका निर्माण 1746 ईस्वी में राजा रुद्र सिंह ने करवाया था। रेंग-घर का अर्थ होता है “युद्ध सामग्री का घर”। इस बहुमंजिला ढांचे में युद्ध के समय इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार, तोप, ढालें आदि रखे जाते थे। आज रेंग-घर असमिया
  • वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है और यहां अहोम राजवंश के युद्ध कौशल को दर्शाती वस्तुएं प्रदर्शित की जाती हैं।
  • मा जुबारी (Jorhat): जोरहाट जिले में स्थित मा जुबारी, अहोम राजवंश के शासकों द्वारा बनवाया गया एक विशाल कृत्रिम टैंक है। इसका निर्माण 1734 ईस्वी में राजा रुद्र सिंह के पुत्र शिव सिंह ने करवाया था। मा जुबारी का मतलब होता है “महान जलाशय”। इस टैंक का इस्तेमाल सिंचाई के साथ-साथ जलयानों के लिए भी किया जाता था। वर्तमान में मा जुबारी एक खूबसूरत पिकनिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
  • अहोम राजाओं के समाधि स्थल (Sivsagar): शिवसागर जिले में कई अहोम राजाओं के समाधि स्थल हैं। ये समाधि स्थल “चक्रध्वज” के नाम से जाने जाते हैं। ये ढांचे गुंबदनुमा होते हैं और ईंटों से बने होते हैं। चक्रध्वज अहोम राजवंश की वास्तुकला शैली का एक महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
  • अहोम लेख और ताम्रपत्र (Ahom Scripts and Copper Plates): अहोम राजवंश के शासनकाल में उनकी भाषा, असमिया भाषा में लिखे गए कई लेख और ताम्रपत्र पाए जाते हैं। ये लेख और ताम्रपत्र हमें उस समय के प्रशासन, सामाजिक व्यवस्था और धर्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

Assam Tourism:चाय की खुशबू और असमिया संस्कृति (The Aroma of Tea and Assamese Culture):

असम अपनी चाय के बागानों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। आप इन बागानों की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच घूम सकते हैं और चाय बनाने की प्रक्रिया को समझ सकते हैं। साथ ही, असमिया लोकनृत्यों और संगीत का आनंद लेना न भूलें।

असम को “चाय की भूमि” कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। सदियों से, असम दुनिया भर में अपनी बेहतरीन चाय के लिए जाना जाता है। और असम की खूबसूरती को निखारते हैं हरे-भरे चाय के बागान। पहाड़ियों पर सीढ़ीनुमा ढंग से फैले ये चाय के बागान न केवल मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं, बल्कि असम की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी हैं।

असम के चाय बगानों का आकर्षण:

  • हरी चादर का सुखद दृश्य: विशाल क्षेत्र में फैले चाय के हरे-भरे पौधे दूर से देखने पर किसी हरी चादर की तरह प्रतीत होते हैं। इन पौधों के बीच में से गुजरते हुए हवा में चाय की खुशबू महसूस करना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
  • चाय की कटाई का नजारा: सुबह के समय चाय की पत्तियों को तोड़ते हुए महिला मजदूरों को देखना एक दिलचस्प दृश्य होता है। उनकी दक्षता और कड़ी मेहनत ही असम की चाय को विश्व स्तर पर पहचान दिलाती है।
  • चाय फैक्ट्री की यात्रा: चाय बगानों की यात्रा के दौरान आप चाय फैक्ट्री भी जा सकते हैं। यहां चाय की पत्तियों को सुखाने, छांटने और पैक करने की पूरी प्रक्रिया को देखना रोचक होता है। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपकी पसंदीदा चाय कैसे बनती है।
  • आरामदायक स्टे और रोमांचक गतिविधियां: कई चाय बगानों में आरामदायक बंगलों और रिसॉर्ट्स की सुविधा उपलब्ध है। आप यहां प्रकृति की गोद में शांत वातावरण का आनंद ले सकते हैं। साथ ही कुछ बगान साइकिलिंग, ट्रेकिंग या जीप सफारी जैसी रोमांचक गतिविधियां भी कराते हैं।
  • स्थानीय संस्कृति से जुड़ाव: चाय बगानों की यात्रा आपको असम की स्थानीय संस्कृति से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करती है। आप यहां के लोगों से मिल सकते हैं, उनकी परंपराओं को जान सकते हैं और असमिया व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।

यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit):

असम घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद का होता है, सितंबर से अप्रैल तक। इस दौरान मौसम सुखद रहता है और घूमने फिरने में आनंद आता है।

असम की यात्रा आपको प्रकृति की शांति, वन्यजीवों का रोमांच और इतिहास-संस्कृति का अद्भुत अनुभव प्रदान करेगी। आपको अपनी यात्रा की योजना बनाने में यह ब्लॉग मददगार होगा!

 

Ref: http://tourism.assam.gov.in/

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