Discover Haridwar tourism places: 10 Places to visit in Haridwar for Adventure

हरिद्वार, हिमालय की तलहटी में स्थित, न सिर्फ एक पवित्र धर्मस्थल है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी है. गंगा नदी के पावन तट पर बसा ये शहर सदियों से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता रहा है. Haridwar tourism की यात्रा आपको मोक्ष की धारा में डुबकी लगाने का अवसर प्रदान करती है. आइए जानते हैं Haridwar tourism के प्रमुख आकर्षणों को:

1. Har ki Pouri: पवित्रता का केंद्र (Haridwar tourism)

Haridwar tourism की यात्रा हर की पौड़ी के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है. यही वो पवित्र घाट है, जहां गंगा नदी मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है. यहां स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है. यहां श्रद्धालु स्नान करके मोक्ष की प्राप्ति का आशीर्वाद लेते हैं। शाम के समय होने वाली आरती का दृश्य अविस्मरणीय होता है. दीपों की जगमगाहट और भक्तिमय वातावरण मन को शांत कर देता है. : हरिद्वार चार धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) की यात्रा का प्रारंभिक बिंदु भी है।

 

Haridwar tourism

 

2.मनसा देवी मंदिर: Haridwar tourism   

चंडी माता मंदिर का उल्लेख स्कन्द पुराण जैसे ग्रंथों में मिलता है। मान्यता है कि माँ मनसा देवी सर्पों की देवी हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। मंदिर शिवालिक पर्वतमाला के बिल्वा पहाड़ पर स्थित है, जो हरिद्वार से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियों के अलावा, रोपवे यानि उड़न खटोले की भी सुविधा है। मंदिर में माँ की दो रूपों में मूर्तियां हैं। एक मूर्ति में पाँच भुजाएं और तीन मुख हैं, वहीं दूसरी मूर्ति आठ भुजाओं वाली है।

श्रद्धालुओं का मानना है कि सच्चे मन से माँ की पूजा करने पर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहाँ हर साल नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है और मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

Haridwar tourism

3.चंडी देवी मंदिर: Haridwar tourism :

माँ चण्डी देवी मंदिर का इतिहास काफी पुराना माना जाता है। हालांकि, इसके निर्माण काल के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। मान्यता है कि माँ चण्डी देवी शक्ति की स्वरूप हैं, जो अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें बुरी शक्तियों से बचाती हैं। मंदिर नीलकण्ठ पहाड़ी पर स्थित है, जो हरिद्वार से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता पैदल या पालकी द्वारा चढ़ाई जाने वाली सीढ़ियों का है। दूसरा रास्ता रोपवे यानि उड़न खटोले का है, जो आपको सीधे मंदिर तक पहुंचा देता है।

Haridwar tourism

मंदिर में माँ चण्डी देवी की भव्य मूर्ति स्थापित है, जिन्हें सिंह पर सवार दिखाया गया है। उनके दस हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र हैं। मंदिर सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है।

4.मयूरेश्वर मंदिर: Haridwar tourism :

मयूरेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में पाण्डवों द्वारा किया गया था। कहते हैं कि पाण्डवों को अज्ञातवास के दौरान अपने किए गए कार्यों के लिए क्षमा प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी थी। इसलिए उन्होंने हरिद्वार में इस शिवलिंग की स्थापना की थी। मंदिर का एक अनोखा पहलू यह है कि यहां शिवलिंग मयूर (मोर) के आकार का है। मंदिर में माता पार्वती की एक अलग मूर्ति भी स्थापित है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं                                                                       Haridwar tourism

5. रिवर राफ्टिंग: Haridwar tourism:

 हरिद्वार में रिवर राफ्टिंग का आयोजन मोर्य गेट के पास गंगा नदी में किया जाता है। यहां शिवालिक पहाड़ियों से निकलकर गंगा नदी का बहाव तीव्र हो जाता है, जो रिवर राफ्टिंग के लिए उपयुक्त परिस्थिति बनाता है। रास्ते में कई तरह के रैपिड्स आते हैं, जहां नदी का बहाव तेज हो जाता है और पानी ऊंचा उछलता है। यह वह समय होता है, जब आपका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है और आप रोमांच से भर उठते हैं। रिवर राफ्टिंग के दौरान न केवल रोमांच का अनुभव होता है, बल्कि आसपास के खूबसूरत पहाड़ों और हरियाली का नज़ारा भी देखने को मिलता है।

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6.बंजी जंपिंग: Haridwar tourism:

 भारत में बंजी जंपिंग के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक ऋषिकेश है। यह जंप मोहनचट्टी नामक स्थान पर कराया जाता है, जो ऋषिकेश से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां जंप करने के लिए 83 मीटर ऊंचा एक स्थायी जंप प्लेटफॉर्म बनाया गया है। बंजी जंपिंग के लिए आपको किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती है। ट्रैवल ऑपरेटर आपको सभी जरूरी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराते हैं, जिनमें जंप सूट, हार्नेस, और टखनों से बंधी मजबूत रस्सी शामिल होती है। साथ ही, प्रशिक्षित कर्मचारी हर कदम पर आपका मार्गदर्शन करते हैं और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

7.गंगा दशहरा: Haridwar tourism                                                                                                                                                                                             

हर 12 साल में होने वाला कुंभ मेला तो प्रसिद्ध है ही, लेकिन हर साल होने वाला गंगा दशहरा भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस उत्सव में जुलूस निकाले जाते हैं, गंगा दशहरा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र स्नान से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

8.चंडीघाट:    Haridwar tourism                                                                                                                                                                                           

चंडी घाट हरिद्वार के प्रमुख घाटों में से एक माना जाता है। यह माना जाता है कि यहां स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, चंडी घाट के पास ही नीलकण्ठ पहाड़ी पर स्थित माँ चंडी देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। चंडी घाट की खासियत यह है कि यह अन्य घाटों से थोड़ा ऊपर उठा हुआ है। यहां से गंगा नदी का नज़ारा और आसपास की हरी-भरी पहाड़ियां बेहद मनमोहक दिखती हैं। शाम के समय सूर्यास्त का नज़ारा तो देखने लायक होता है।

9.नील पर्वत:  Haridwar tourism                                                                                                                                                                                             

नील पर्वत को नीलकण्ठ पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान शंकर ने समुद्र मंथन के बाद निकले हुए विष को अपने कंठ में धारण किया था, जिससे उनका कंठ नीला हो गया था। बाद में माता पार्वती ने उन्हें नीलकण्ठ महादेव के नाम से पुकारा। नील पर्वत पर ही माँ चंडी देवी का प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित है। ऐसा माना जाता है कि माँ चंडी देवी की पूजा करने से बुरी शक्तियों से रक्षा होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Haridwar tourism

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How to reach Haridwar for Haridwar tourism

हरिद्वार हवाई, रेल और सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है:

  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा देहरादून (Jolly Grant Airport) है, जो हरिद्वार से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
  • रेल मार्ग: हरिद्वार रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है.
  • सड़क मार्ग: हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है और आसानी से पहुंचा जा सकता है.
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  • पकोड़े: हर कोने पर मिलने वाले पकोड़े हरिद्वार की सड़कों का स्वाद बढ़ा देते हैं। आलू, प्याज और पालक के पकोड़े शाम की चाय के साथ परफेक्ट होते हैं।
  • चटपटी चाट: भारत की सड़कों पर मिलने वाली चाट हरिद्वार में भी आपको मिल ही जाएगी। आलू टिक्की चाट, पानी पूरी और दही बड़े जैसी चाट का मज़ा आप ले सकते हैं।
  • लस्सी: दही से बना लस्सी एकदम ठंडी और फ्रेश ड्रिंक है। पेट के लिए भी यह काफी अच्छा माना जाता है।
  • जायफल वाली चाय: खासकर सर्दियों में हरिद्वार में मिलने वाली जायफल वाली चाय आपको अंदर से गर्माहट देगी।

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स्थानीय हस्तशिल्प की वस्तुएं: Haridwar tourism
  • लकड़ी की नक्काशीदार मूर्तियां: Haridwar tourism में लकड़ी की नक्काशीदार मूर्तियों को बनाने का हुनर पीढ़ियों से चला आ रहा है। आप यहां भगवानों की मूर्तियों से लेकर सजावटी सामान तक, लकड़ी से बनी खूबसूरत चीजें खरीद सकते हैं।
  • पहाड़ी चित्र: उत्तराखंड के लोक कलाकारों द्वारा बनाए गए पहाड़ी चित्रों की अपनी ही एक अलग पहचान है। प्राकृतिक छटाओं और पौराणिक कथाओं को दर्शाते हुए ये चित्र हर किसी का मन मोह लेते हैं।
  • ऊनी कपड़े: ठंड के मौसम में गर्म रहने के लिए ऊनी कपड़े काफी उपयोगी होते हैं। हरिद्वार में आपको ऊनी शॉल, टोपी, मफलर आदि मिल जाएंगे। सर्दियों में उपयोगी होने के साथ-साथ ये चीजें ठाकुरी जी को ओढ़ाने के लिए भी खरीदी जाती हैं।
  • मूर्तियां: हिंदू देवी-देवताओं की छोटी-बड़ी मूर्तियों की यहां भरमार है। आप अपनी आस्था के अनुसार कोई भी मूर्ति खरीद सकते हैं।
  • पूजा का सामान: पूजा की थाली, रुद्राक्ष की माला, चंदन की अगरबत्ती और धूप जैसी पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजें आपको हरिद्वार के बाजारों में आसानी से मिल जाएंगी।
  • गंगाजल: हरिद्वार से पवित्र गंगाजल की छोटी बोतल भरकर ले जाएं। यह आपके लिए धार्मिक महत्व रखने के साथ-साथ यात्रा की याद भी दिलाएगा।

Other activities in Haridwar tourism:

रिवर राफ्टिंग: गंगा नदी की रौद्र रूपी लहरों पर राफ्टिंग का रोमांच हर किसी के लिए यादगार होता है। हरिद्वार में कई रिवर राफ्टिंग कंपनियां हैं, जो राफ्टिंग का सुरक्षित सफर कराती हैं। ऋषिकेश भी रिवर राफ्टिंग के लिए मशहूर है, जो हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

  • बंजी जंपिंग: अगर आप वाकई में रोमांच के दीवाने हैं, तो ऋषिकेश में बंजी जंपिंग जरूर करें। यह एशिया का सबसे ऊंचा बंजी जंपिंग पॉइंट है। ऊंचाई से छलांग लगाते हुए खुले आसमान का नज़ारा वाकई में रोमांचकारी होता है।
  • कयाकिंग: शांत जल वाली गंगा की धाराओं में कयाक चलाने का आनंद भी लिया जा सकता है। हरिद्वार में कुछ जगहों पर कयाकिंग की सुविधा उपलब्ध है।
  • ट्रेकिंग: हरिद्वार के आसपास कई खूबसूरत पहाड़ियां हैं, जहां आप ट्रैकिंग का मज़ा ले सकते हैं। नील पर्वत ट्रैकिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। ट्रैकिंग के दौरान पहाड़ों की मनमोहक सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है।
  • कैंपिंग: गंगा किनारे या आसपास के जंगलों में कैंपिंग का अनुभव भी काफी रोमांचकारी होता है। प्रकृति की गोद में शांत वातावरण का आनंद लेने के साथ-साथ रात में आसमान में चमकते हुए तारों को निहारना एक अलग ही अनुभव है।
  • कॉर्ड बंजी जंपिंग: ऋषिकेश में कॉर्ड बंजी जंपिंग की भी सुविधा है। बंजी जंपिंग की तरह इसमें भी आपको नीचे की तरफ जंप करना होता है, लेकिन रस्सी आपको पूरी तरह से नीचे नहीं जाने देती है। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो बंजी जंपिंग करने से थोड़ा हिचकिचाते हैं।
याद रखने योग्य बातें:
  • रोमांचकारी गतिविधियों में शामिल होने से पहले सुरक्षा संबंधी सभी बातों का ध्यान रखें।
  • किसी भी गतिविधि को करने से पहले अनुभवी लोगों से सलाह लें।
  • अपनी शारीरिक क्षमता का आकलन करें और उसी के अनुसार ही कोई गतिविधि चुनें।
  • Haridwar tourism यात्रा के दौरान कुछ अनोखे अनुभव
    1. आयुर्वेदिक स्पा उपचार: हरिद्वार में कई आयुर्वेदिक केंद्र हैं, जहां आप पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार स्पा उपचार प्राप्त कर सकते हैं। यह उपचार आपको तनाव दूर करने और शरीर को निरोग बनाने में मदद करेगा।
    2. गंगा आरती में शामिल हों: हर शाम हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती एक अविस्मरणीय अनुभव है। आप दीपों की आरती का हिस्सा बन सकते हैं और वैदिक मंत्रों का जाप कर सकते हैं। यह अनुभव आपको आध्यात्मिक शांति प्रदान करेगा।
  • मंगा आरती की तैयारी देखें: यदि आप सुबह जल्दी उठते हैं, तो हर की पौड़ी पर होने वाली मंगा आरती की तैयारियां देख सकते हैं। मंदिरों को सजाया जाता है, पूजा की सामग्री तैयार की जाती है और पूरा वातावरण भक्तिभाव से सराबोर हो जाता है।
  • आरती के फूलों का प्रसाद ग्रहण करें: शाम की आरती के बाद प्रसाद के रूप में गंगा में जाने वाले फूलों को इकट्ठा किया जाता है। आप इन फूलों को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं और अपने घर ले जा सकते हैं।
  • पौराणिक कथाओं से जुड़े स्थानों की खोज करें: हरिद्वार कई पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। आप मार्कण्डेय मंदिर जा सकते हैं, जहां मारकण्डेय ऋषि अमर हो गए थे। इसके अलावा, दक्ष मंदिर भी एक ऐतिहासिक स्थल है।
  • हरिद्वार में योग सीखें: योग के लिए प्रसिद्ध ऋषिकेश, हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर स्थित है। आप ऋषिकेश जाकर योग कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और योग के बारे में गहराई से जान सकते हैं।
  • हरिद्वार की शामें गंगा किनारे बिताएं: हरिद्वार की शामें गंगा किनारे बिताना एक सुकून देने वाला अनुभव है। आप नदी के किनारे बैठकर बहते पानी को निहार सकते हैं, गर्म चाय की चुस्की ले सकते हैं और स्थानीय लोगों से बातचीत कर सकते हैं।
  • संगीत और कला प्रदर्शन का आनंद लें: Haridwar tourism  में समय-समय पर संगीत और कला प्रदर्शन होते रहते हैं। आप इन प्रदर्शनों में शामिल होकर भारतीय संस्कृति की झलक देख सकते हैं।

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निष्कर्ष:

Haridwar tourism आपको जीवन भर याद रहने वाला अनुभव प्रदान करेगी. पवित्र गंगा में स्नान, प्राचीन मंदिरों के दर्शन, आरती का आनंद और रोमांचक गतिविधियां, हरिद्वार में सब कुछ है. तो देर किस बात की, हरिद्वार में आध्यात्मिक और रोमांचक सफर पर निकलें!

References: https://uttarakhandtourism.gov.in/destination/haridwar

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